भावनाओं के दलदल में हम कुछ ऐसे फसे कि कहा भी ना गया और सहा भी ना गया, रिश्तों की हथकड़ी में कुछ इस कदर जकड़े कि जोड़ा भी ना गया और तोड़ा भी ना गया, फिर हम थोड़ा सम्भले ही थे कि अचानक हक़ीकत के तूफानों में ऐसे अटके कि समझा भी ना गया और समझाया भी ना गया, दिल को मुश्किल से समझा ही रहे थे कि जज़्बातों ने आकर इस कदर घेरा कि हँसा भी ना गया और रोया भी ना गया, और इन्ही उधेड़बुन में दोस्तों जिंदगी सबक सीखा गयी के जीना इसी का नाम है..
Nice lines...
ReplyDelete