"तमाम दुनिया में ढूंडा जिस ख़ुशी को चलो आज उसे अपने अंदर तलाश करतें हैं गहरे सन्नाटों में चलो यारों खुद को ढूंढ़ते हैं और खुद से बात करते हैं चलो अपने ख़्वाबों को नाकामियों का जो डर है उसकी गिरप्त से आज़ाद करते हैं उठो संभलो चलो यारों फिर से एक नई उड़ान भरतें हैं"